Hardeep Singh Nijjar: एक खालिस्तान समर्थक से ISI का मोहरा बनने की कहानी
Hardeep Singh Nijjar की हत्या ने भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ा दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसने कनाडाई नागरिकों पर हमले करवाए। इस विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी है। आइए जानते हैं हरदीप सिंह निज्जर कौन थे और उनकी कहानी क्या है।
प्रश्न संख्या 1: हरदीप सिंह निज्जर का पंजाब से क्या संबंध है?
हरदीप सिंह निज्जर का जन्म पंजाब के जालंधर जिले में हुआ था। 1997 में युवा अवस्था में, वे कनाडा चले गए। कनाडा में उन्होंने विवाह किया और एक प्लंबर के रूप में काम करने लगे। निज्जर ने वहां खालिस्तान के समर्थन में एक संगठन की सहायता की, जो सिखों के लिए एक स्वतंत्र खालिस्तान देश की मांग कर रहा था। इस दौरान उन्होंने खालिस्तान समर्थकों के लिए नए रास्ते तैयार किए। भारत ने उन्हें आतंकवादी करार दिया और उन्हें प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का मास्टरमाइंड बताया।
प्रश्न संख्या 2: निज्जर की हत्या किसने की?
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 45 वर्ष की आयु में जून 2023 में हुई। दो काले कपड़े पहने बंदूकधारियों ने उन्हें एक सिख मंदिर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि निज्जर की हत्या किसने की। कनाडा ने इस मामले में भारत पर लगातार आरोप लगाया है। निज्जर की हत्या से पहले कनाडाई खुफिया एजेंसी ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वह एक हिट लिस्ट पर हैं। भारत ने शुरुआत से ही निज्जर की हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है और प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताया है।
प्रश्न संख्या 3: निज्जर की तुलना ओसामा बिन लादेन से क्यों की जा रही है?
भारत और कनाडा के बीच निज्जर के मामले में चल रहे विवाद के बीच, एक अमेरिकी पेंटागन अधिकारी ने कहा कि जैसे ओसामा बिन लादेन एक इंजीनियर नहीं था, वैसे ही निज्जर भी एक प्लंबर नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके हाथ कई हमलों में ओसामा के खून से रंगे थे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री ट्रूडो बिना सोच-विचार के आरोप लगा रहे हैं और उनके पास इन आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
प्रश्न संख्या 4: क्या निज्जर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट था?
हरदीप सिंह निज्जर वास्तव में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एक मोहरा था। भारत ने कई बार निज्जर की प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन कनाडा ने न केवल उन्हें आश्रय दिया बल्कि नागरिकता भी प्रदान की। ISI ने निज्जर को भारत में अशांति फैलाने के उद्देश्य से चुना था। निज्जर की गतिविधियों से स्पष्ट होता है कि वह खालिस्तान की मांग को आगे बढ़ाने में संलग्न था, जिससे भारत में स्थिरता को खतरा था।
निज्जर की भूमिका और प्रभाव
निज्जर की कहानी न केवल खालिस्तान समर्थकों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी पहचान और विचारधारा को लेकर खतरनाक मोड़ ले सकता है। उनके समर्थन में खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों ने भारतीय सरकार के लिए चिंता का विषय बना दिया था। निज्जर की हत्या ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि ऐसे आतंकवादी संगठन न केवल देश की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि वे समाज में भी अव्यवस्था पैदा करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने भारत-कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। इसने यह सवाल उठाया है कि कैसे एक व्यक्तिगत मामला दो देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है। भारत ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है, जबकि कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इस स्थिति ने दोनों देशों के बीच एक नई कूटनीतिक संकट को जन्म दिया है।